प्रेस विज्ञप्ति
सचाई कहीं बची है तो ललित कलाओं में-राम जैसवाल
चित्तौड़गढ़ 4 नवम्बर 2015
चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर ज़िला प्रशासन और चित्तौड़गढ़ आर्ट सोसायटी द्वारा आयोजित चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल दीपोत्सव के आगाज़ के मौके पर बोलते हुए अजमेर राजस्थान के प्रसिद्द चित्रकार और हिंदी कथाकार राम जैसवाल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि आज के परिवेश में जिस तरह की भागादौड़ी मची हुयी है उसमें चित्रकारी को लेकर इतनी संवेदनशीलता के साथ बेहतर आयोजन आश्चर्य पैदा करता हैं। मुझे बार-बार यह लगता है कि अब जितनी भी सचाई बची हुयी है वह सिर्फ ललित कलाओं में ही बची है वरना बाकी सब व्यापार हो गया है। ऐतिहासिक महत्व के चित्तौड़ दुर्ग केद्रित इस महोत्सव की आवाज़ और असर बहुत दूर तक होगा। चित्रकारी एक ऐसा माध्यम है जिसमें जीवन की आतंरिक अनुभूतियों के लिए अभिव्यक्ति के पूरे आसार उपलब्ध होते हैं। अपने अनुभव किये हुए यथार्थ में थोड़ी कल्पना मिलाने पर बेहतर चित्रकारी संभव है। आयोजन में युवा चितेरों और युवतर स्वयंसेवकों की भागीदारी एक आशा जगाती है।
चार नवम्बर बुधवार दोपहर राजाकीय संग्रहालय फ़तेह प्रकाश महल में हुए इस उदघाटन सत्र में बोलते चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि इस तरह के आयोजन की कल्पना को साकार होते देख हम प्रसन्न हैं कि हमारे ज़िले और राज्यभर के आमंत्रित चित्रकार हमारी धरोहर को बहुत नजदीक से देख पा रहे हैं। बीते एक वर्ष में चित्रकला और चित्र प्रदर्शनियों के लगातार आयोजन शहर में एक वातावरण निर्माण में महती भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे फेस्टिवल को विभिन्न तरीकों से सहयोग देने वाले सभी प्रायोजकों का अवदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस अवसर पर आर्ट फेस्टिवल के मुख्य प्रायोजक मेवाड़ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मेवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के सचिव गोविन्द गदिया, सहयोगी संस्थान श्री सांवलियाजी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश चन्द्र, राजकीय संग्रहालय एक पुरातत्व विभाग उदयपुर वृत के अधीक्षक मुबारिक हुसैन का शाल, माला और गुलदस्ते भेंट कर स्वागत अभिनन्दन किया गया।
उदघाटन सत्र का संचालन करते हुए चित्तौड़गढ़ आर्ट सोसायटी के संरक्षक डॉ.ए.एल.जैन ने चित्तौड़ दुर्ग के सुदीर्घ ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। इस मौके पर उन्होंने नगरी से लेकर विजय स्तम्भ, जैन कीर्ति स्तम्भ और विभिन्न कलाप्रेमी राजाओं का ज़िक्र किया। मुख्य अतिथि राम जैसवाल के जीवन परिचय पर स्पिक मैके सहसचिव पूर्णिमा मेहता ने अपने विचार व्यक्त किए और आभार माणिक ने दिया। आयोजक संस्थानों की तरफ से अहमदाबाद, धरियावाद, बालोतरा, बूंदी, उदयपुर, भीलवाडा, जयपुर, निम्बाहेड़ा, अजमेर से आए विभिन्न आमंत्रित चित्रकारों का स्वागत फ़तेह प्रकाश संग्रहालय के अधीक्षक हिमांशु सिंह, फेस्टिवल संयोजक युवा चित्रकार मुकेश शर्मा, विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के प्रो.महेंद्र नंदकिशोर ,फड़ चित्रकार सत्यनारायण जोशी, मिनिएचर आर्टिस्ट गुलशन जांगिड़, लक्ष्मी लाल वर्मा,डॉ. अभिनव कमल रैना ने अभिनन्दन किया गया।इसके बाद समस्त अतिथियों ने फीता काटकर पंद्रह कलाकारों के तीस चित्रों वाली प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया।फ़तेह प्रकाश महल की आर्ट गेलेरी में दर्शाई गयी यह प्रदर्शनी पांच और छ नवम्बर के दिन सुबह दस से शाम पांच बजे तक खुली रहेंगी।
दूसरे चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल के इस उदघाटन सत्र के बाद सभी चित्रकारों ने चित्तौड़ दुर्ग का भ्रमण कर फेस्टिवल के बाकी दो दिन में होने वाले आर्ट केम्प की तैयारियां की। कुछ चित्रकारों ने कीर्ति स्तम्भ,राणा रतन सिंह महल,कुम्भा महल आदि स्थानों पर अपनी पेंटिंग्स बनाना भी आरम्भ कर दिया।गौरतलब है कि पांच नवम्बर से चित्रकार नगरी, बस्सी अभयारण्य और मेवाड़ विश्वविद्यालय जाकर आर्ट केम्प करेंगे। आर्ट फेस्टिवल के पहले दिन कई प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि, चित्रकलाप्रेमी, साहित्यकार, समाजसेवी, मीडियाकर्मी मौजूद थे। प्रदर्शनी में दिनभर दर्शकों की चहल पहल रही। आयोजन के सूत्रधार विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट की स्पिक मैके टीम और आर्ट सोसायटी के साथी थे।
मुकेश शर्मा,चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल संयोजक
चार नवम्बर बुधवार दोपहर राजाकीय संग्रहालय फ़तेह प्रकाश महल में हुए इस उदघाटन सत्र में बोलते चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि इस तरह के आयोजन की कल्पना को साकार होते देख हम प्रसन्न हैं कि हमारे ज़िले और राज्यभर के आमंत्रित चित्रकार हमारी धरोहर को बहुत नजदीक से देख पा रहे हैं। बीते एक वर्ष में चित्रकला और चित्र प्रदर्शनियों के लगातार आयोजन शहर में एक वातावरण निर्माण में महती भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे फेस्टिवल को विभिन्न तरीकों से सहयोग देने वाले सभी प्रायोजकों का अवदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस अवसर पर आर्ट फेस्टिवल के मुख्य प्रायोजक मेवाड़ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मेवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के सचिव गोविन्द गदिया, सहयोगी संस्थान श्री सांवलियाजी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश चन्द्र, राजकीय संग्रहालय एक पुरातत्व विभाग उदयपुर वृत के अधीक्षक मुबारिक हुसैन का शाल, माला और गुलदस्ते भेंट कर स्वागत अभिनन्दन किया गया।
उदघाटन सत्र का संचालन करते हुए चित्तौड़गढ़ आर्ट सोसायटी के संरक्षक डॉ.ए.एल.जैन ने चित्तौड़ दुर्ग के सुदीर्घ ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। इस मौके पर उन्होंने नगरी से लेकर विजय स्तम्भ, जैन कीर्ति स्तम्भ और विभिन्न कलाप्रेमी राजाओं का ज़िक्र किया। मुख्य अतिथि राम जैसवाल के जीवन परिचय पर स्पिक मैके सहसचिव पूर्णिमा मेहता ने अपने विचार व्यक्त किए और आभार माणिक ने दिया। आयोजक संस्थानों की तरफ से अहमदाबाद, धरियावाद, बालोतरा, बूंदी, उदयपुर, भीलवाडा, जयपुर, निम्बाहेड़ा, अजमेर से आए विभिन्न आमंत्रित चित्रकारों का स्वागत फ़तेह प्रकाश संग्रहालय के अधीक्षक हिमांशु सिंह, फेस्टिवल संयोजक युवा चित्रकार मुकेश शर्मा, विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के प्रो.महेंद्र नंदकिशोर ,फड़ चित्रकार सत्यनारायण जोशी, मिनिएचर आर्टिस्ट गुलशन जांगिड़, लक्ष्मी लाल वर्मा,डॉ. अभिनव कमल रैना ने अभिनन्दन किया गया।इसके बाद समस्त अतिथियों ने फीता काटकर पंद्रह कलाकारों के तीस चित्रों वाली प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया।फ़तेह प्रकाश महल की आर्ट गेलेरी में दर्शाई गयी यह प्रदर्शनी पांच और छ नवम्बर के दिन सुबह दस से शाम पांच बजे तक खुली रहेंगी।
दूसरे चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल के इस उदघाटन सत्र के बाद सभी चित्रकारों ने चित्तौड़ दुर्ग का भ्रमण कर फेस्टिवल के बाकी दो दिन में होने वाले आर्ट केम्प की तैयारियां की। कुछ चित्रकारों ने कीर्ति स्तम्भ,राणा रतन सिंह महल,कुम्भा महल आदि स्थानों पर अपनी पेंटिंग्स बनाना भी आरम्भ कर दिया।गौरतलब है कि पांच नवम्बर से चित्रकार नगरी, बस्सी अभयारण्य और मेवाड़ विश्वविद्यालय जाकर आर्ट केम्प करेंगे। आर्ट फेस्टिवल के पहले दिन कई प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि, चित्रकलाप्रेमी, साहित्यकार, समाजसेवी, मीडियाकर्मी मौजूद थे। प्रदर्शनी में दिनभर दर्शकों की चहल पहल रही। आयोजन के सूत्रधार विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट की स्पिक मैके टीम और आर्ट सोसायटी के साथी थे।
मुकेश शर्मा,चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल संयोजक
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