प्रेस विज्ञप्ति
युवाओं की हिस्सेदारी आशा जगाती है-व्यास
चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल में आर्ट केम्प का समापन
चित्तौड़गढ़ 31 दिसम्बर 2014
चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल की सभी गतिविधियों में युवा पीढ़ी की हिस्सेदारी देखकर अनुभव होता है कि आज के इस दौर में सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। स्कूली विद्यार्थियों को इस तरह तल्लीन होकर चित्र बनाते, रंग भरते देख और दिशा देने वाले गुरुओं से बतियाते देख एक आशा तो जगती ही है कि अभी भी बहुत कुछ है जो हमें सही दिशा में ले जा सकता है। शहर के लिए नयी सौगात की तरह यह आयोजन अगर आगे भी अपनी श्रृंखला बनाता है तो इसमें बाकी अन्य कलाओं को भी जोड़ा जाना चाहिए ताकि समग्र रूप से यह कला महोत्सव बन सके। चित्रकारी भी सदैव से अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम रही है और यहाँ आर्ट केम्प में बनी कृतियाँ इस बात को फिर से पुष्ट करता है।
यह विचार आकाशवाणी चित्तौड़गढ़ के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मण व्यास ने कुम्भा महल में चल रहे आर्ट केम्प के समापन वाले दिन अवलोकन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने आये हुए कलाकारों से टुकड़ों-टुकड़ों में लम्बी बातचीत की और चित्रकारी के वर्तमान परिदृश्य को जाना। इस अवसर पर साथ में आयोजन संयोजक मुकेश शर्मा, संरक्षक नीतू ढील और कॉलेज व्याख्याता डॉ. निर्मल देसाई भी मौजूद थे। आर्ट केम्प में तैयार कृतियों के बारे में उदयपुर के चित्रकार सुनील निमावत ने बताया कि यहाँ भक्तिमती मीरा, स्त्री सौंदर्य, सीटी लाइट्स, एतिहासिक महल, प्राकृतिक सुन्दरता, बच्चों की पोट्रेट के साथ ही कुछ आधुनिक चित्र शैली में भी कृतियाँ रचकर चित्रकारों ने विविधता के साथ प्रदर्शन किया है। कार्यशाला की संयोजक दीपिका शर्मा के अनुसार उपस्थित तीस विद्यार्थियों को सबसे बड़ा फायदा यही हुआ कि उन्होंने आर्ट केम्प के दौरान कई तरह के कलाकारों को काम करते हुए देखा।
सोसायटी की साथी प्रतिमा आर्य और राहुल यादव ने कहा कि आर्ट केम्प में दूसरे दिन उदयपुर की ज्योतिका राठौड़, शीतल गुहिल, संदीप कुमार मेघवाल, लोकेश कुमार, बाँसवाड़ा की तस्लीम जमाल, सहारनपुर के राकेश कुमार सिंह, पटना के वीरेंदर कुमार सिंह, कोलकाता के अनिध्य कांति बिस्वास, दिल्ली की ब्रिताती अनिध्य बिस्वास, अहमदाबाद की निष्ठा जैन, परतापुर के दिलीप कुमार डामोर और कपासन के मोहन लाल मोची, संजय कुमार मोची ने सहभागिता की।
आर्ट सोसायटी के साथी सुबोध जोशी और स्काउट अधिकारी चन्द्र शंकर श्रीवास्तव के अनुसार फ़तेह प्रकाश महल स्थित संग्रहालय में प्रदर्शनी आगामी तीन जनवरी शाम चार बजे तक जारी है। फेस्टिवल का समापन सत्र तीन जनवरी शाम पांच बजे सैनिक स्कूल के शंकर मेनन सभागार में होना है जहां सभी विद्यार्थियों की कृतियाँ प्रदर्शित की जायेगी। इसी मौके पर कलाकारों और सहयोगी संस्थाओं का सम्मान करने के साथ ही प्रतिभागी विद्यार्थियों और स्वयं सेवकों को प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे।
मुकेश शर्मा,चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल संयोजक
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