Friday 12 December 2014

हम यहाँ कोशिश कर रहे हैं कि कुछ ब्लॉग लिखते हुए आपको इस उत्सव की बेसिक बातें भी साझा करते चलें क्योंकि यह आयोजन किसी सिमित समूह के बजाय हम सभी का है मतलब यह कि आप भी इसका हिस्सा है.हमारे एक एक कोर ग्रुप ने फ़तेह प्रकाश महल में वहाँ के संग्रहालय अधीक्षक हिमांशु सिंह के सानिध्य में बारह दिसंबर को मौक़ा मुआयना कर लिया है.तय हुआ कि सारी कृतियाँ पच्चीस दिसंबर को ही डिस्प्ले कर दी जायेगी.तमाम साथी स्वयं सेवा के मूड से क्रिसमस वाले दिन सुबह दस बजे से दोपहर तक यह काम निबटायेंगे.छब्बीस के उदघाटन की रूपरेखा आगामी पहली बड़ी बैठक में तय करेंगे.उदघाटन वाले दिन कलाकार,विद्यार्थी और अतिथि के लिए पास जारी होंगे ताकि संग्रहालय प्रवेश शुल्क नहीं लगे.बाकी दिन संग्रहालय सहित गेलेरी देखने हेतु प्रवेश शुल्क दस रुपये प्रति लगेगा.बच्चों के लिए पांच रुपये निर्धारित है.स्कूल से एकमुश्त वाले अध्यापक और विद्यार्थी या उनका भ्रमण पर आया दल अपने संस्था प्रधान का लिखा प्रमाण पत्र साथ लाते हैं तो उन्हें निशुल्क यह सुविधा मिलेगी.

बहुत सारे मायनों में भले यह कोई बड़ा फेस्टिवल ना हो मगर यह बेहतर लोगों द्वारा किया गया एक निस्वार्थ प्रयास है जिसमें खासकर किसी बड़े नामचीन कलाकार के बजाय युवा चितेरों को मंच देने की एक कोशिश की है.बिना किसी राजनीति के शहर के चुने हुए तीस बच्चों को कुछ सार्थक अनुभव देते हुए चित्रकारी और उसकी गणित समझाने की एक कोशिश के रूप में इस आयोजन को याद किया जाएगा.यहाँ यह भी बता दें इस सोसायटी के बहुतेरे साथी रोजी-रोटी के लिहाज से फक्कड़ी में जी रहे हैं.ये अपनी मस्ती में आयोजन की जाजम बिछा रहे हैं.पैसा कम है.जितना है जुगाड़ से लाये हैं.अपने जैसे ही कलाप्रेमियों के छोटे-छोटे सहयोग से बुना जा रहा है ये आयोजन.राज्य के कई कलाकार हमारे चित्तौड़ में आयेंगे तो हमें भी उनका सत्कार करने के साथ अपनी अच्छी तस्वीर ही पेश करनी होगी.बजट की कमी ही है जो हमें कुछ प्रतिबद्ध कलाविदों को बुलाने से रोक पाया है.खैर पहला प्रयास है.इरादे बुलंद है.आगे भी ये आग जलाए रखेंगे..

यहाँ सभी कलाकार एक बेहतर उत्सव के हित अपना कुछ न कुछ अवदान देने को तत्पर है.कोई पोस्टर बनवाएगा तो कोई आमंत्रण पत्र.कोई खाना खिलाएगा तो कोई नास्ता.किसी ने जगह दी तो किसी ने बेनर्स.कोई अपना वक़्त दे रहा है तो कोई अपना दिमाग.यह भी एक बड़ा सच है कि इस तरह की विधा का आयोजन चित्तौड़ में बहुत अरसे बाद ही हो रहा होगा.शायद बीते दस-बारस साल में तो भला कोई इस तरह का उत्सव नहीं ही हुआ है.यहाँ किसी तरह का लेनदेन नहीं है.औ जुडो और एक कॉज के लिए अपनी तरफ से कुछ दो.बस इसी थीम ने अभी तक के काम को आगे बढ़ाया है.हम बड़े कीर्तिमान बनाने और बड़ा-बड़ा चमक-दमक दिखाने की किसी भ्रान्ति में नहीं ही हैं और हाँ जितना करेंगे सादगी और सार्थकता के साथ करने के मन से यहाँ है.आप भी अभी तक नहीं जुड़े हैं तो जुड़ें.हर तरह का सहयोग हमें चाहिए.खासकर 'आर्थिक'.
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हमारा पक्का मानना है कि यह आयोजन हेरिटेज शहर चित्तौड़ के कलाकारों और रसिकों के लिए एक बेहतर और उत्साह वर्धक आयोजन साबित होगा.हमारे 'चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल' में मूल रूप से चित्तौड़ शहर के ही दसेक चित्रकार साथी हैं जिनका मन था कि शहर में कला को लेकर कुछ सार्थक आयोजन होना चाहिए और ये नौ दिवसीय कार्यक्रम उसी इच्छा का परिणाम है.अव्वल तो इसमें वे सभी साथी अपना खुद का समय और आर्थिक सहयोग दे रहे है. यहाँ कुछ प्रयास कर हमने कई संस्थाओं से नैतिक समर्थन भी हासिल किया है.सबसे बड़ा सहयोग तो हमारे राजस्थान सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय विभाग का है जिनके सौजन्य से हमें फ़तेह प्रकाश महल में आर्ट शो क साथ ही पांच दिवसीय वर्कशॉप के लिए कई सुविधाएं मिली हैं.साथी ही स्पिक मैके,अपनी माटी संस्थान,भारत स्काउट-गाइड शाखा चित्तौड़,माय चित्तौड़ डॉट कोम नामक बिजनस डायरेक्टरी जैसों का भी साथ है तो संबल मिल रहा है.आयोजन को लेकर सभी तरफ पर्याप्त उत्साह है.संभवतया सोलह दिसंबर तक सारी प्रचार सामग्री छाप जायेगी.खासकर पोस्टर्स,बेनर्स और केट्लॉग.सोसियल मीडिया के इस प्रचार ने हमारे प्रचार-प्रसार के काम को बहुत हल्का कर दिया है.


हम कोशिश करेंगे कि किले के पांच ऐसे स्थान चुने जहां शहर के तीस चयनित बच्चों को वर्कशॉप के माध्यम से कुछ सार्थक अनुभूतियाँ दे सकें.वैसे हमने इन तीस बच्चों के चयन के लिए शैक्षणिक संस्थानों से दो-दो होनहार और रुचिशील बच्चो के नाम मांगे हैं.नाम आएं भी हैं मगर फिर भी यदि कोई बच्चा सीधे जुड़ना चाहता है तो हमसे संपर्क कर सकता है.कार्यशाला एकदम निशुल्क है.अपनी निर्माण सामग्री और ब्रेकफास्ट साथ लाना होगा. वर्कशॉप रोजाना सुबह ठीक ग्यारह बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक चलेगी.वर्कशॉप संभवतया पहले दिन फ़तेह प्रकाश महल,दूसरे दिन रतन सिंह महल,तीसरे दिन भामाशाह हवेली उद्यान,चौथे दिन कुम्भा महल और पांचवे दिन पद्मिनी महल में करेंगे.हम कोशिश करेंगे कि रोजाना वर्कशॉप के बाद आधे घंटे केलिए हम श्रमदान भी करें.सभी मोर्चों पर हमें कई स्वयं सेवकों के ज़रूरत होगी जो अपने मन से निस्वार्थ भाव से आएं और काम में साथ दें.आयोजन की फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी द्वारा प्रचार-प्रसार में साथ दें.खुद आएं आएं मित्रों,साथियों,विद्यार्थियों के साथ आएं आर्ट गैलेरी देखें.
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हमारे इस 'चित्तौड़गढ़ आर्ट फेस्टिवल' में आपको बता दें कि लगभग तीस कलाकारों की कृतियाँ 'ग्रुप शो' में शामिल होनी थी अभी तक सताईस का वर्क आ गया है उनका नाम भी अंतिम रूप से चयनित हो चुका है.उनके जीवन परिचय भी हम अपने ब्लॉग एक-एक कर चस्पा कर रहे हैं.जिन साथियों के नाम आ गए हैं और अभी तक उन्होंने अपना बायो डेटा और फोटो हमें नहीं भेजें हों प्लीज चौदह दिसंबर रविवार तक हमारे ई-मेल पते chittorgarhartfestival@gmail.com पर भेज दें.अभी तक चयनित साथियों में चित्तौड़गढ़ के तेरह साथी हैं और बाकी जयपुर,उदयपुर,बाँसवाड़ा,भीलवाड़ा के साथी शामिल हैं.कुछ साथी उदघाटन में आ रहे हैं. लेकिन लगभग बीस कलाकार हमारे चित्तौड़ दुर्ग में कुम्भा महल में तीस दिसंबर को सुबह ग्यारह बजे होने वाले आर्ट केम्प में आयेंगे.

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